बहुत दिनों बाद चिठ्ठे पर आई हूं. क्रांतिकारी कवि पाश की बहुत अच्छी कविता पढ़ी, आपसे बांट रही हूं....
श्रम की लूट सबसे खतरनाक नहीं होती
पुलिस की मार सबसे खतरनाक नहीं होती
गद्दारी लोभ की मुठ्ठी सबसे खतरनाक नहीं होती
बैठे ठाले पकड़ जाना - बुरा तो है
पर सबसे खतरनाक नहीं होता
कपट के शोर में
सही होते हुए भी दब जाना - बुरा तो है
किसी जुगनू की लौ में पढ़ने लग जाना - बुरा तो है
भींच कर जबड़े बस वक़्त काट लेना - बुरा तो है
पर सबसे खतरनाक नहीं होता
सबसे खतरनाक होता है
मुर्दा शांति से भर जाना
न होना तड़प का सब कुछ सहन कर जाना
घर से निकलना काम पर
और काम से लौट कर घर जाना
सबसे खतरनाक होता है
हमारे सपनों का मर जाना..
- पाश
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
5 comments:
पाश की कविता पढ़वाने का शुक्रिया
bahut achche..
सशक्त रचना
"सबसे खतरनाक होता है
हमारे सपनों का मर जाना.."पाश की कविता पढ़वाने के लिये बहुत बहुत धन्यवाद.
सबसे खतरनाक होता है
मुर्दा शांति से भर जाना
न होना तड़प का सब कुछ सहन कर जाना
घर से निकलना काम पर
और काम से लौट कर घर जाना
सबसे खतरनाक होता है
क्या बात है ।
बहुत सुन्दर कविता।
सुन्दर का अर्थ शिल्प के सही प्रवाह और विचार के सही निवेश की ओर संकेत है।
निर्वाह संतुलित है।
बधाई
Please remove word verification.It sounds adverse and keeps away the valuble commments.
Post a Comment